ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और वॉश (एफएनएचडब्ल्यू) पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।
केंद्रीय मंत्री ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने नेतृत्व में परिवारों में संगठन, स्वास्थ्य और समृद्धि का संदेश पहुंचाएं और प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
ऱाष्ट्रीय सम्मेलन में ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री, डॉ. चंन्द्र शेखर पेम्मासानी, सदस्य, नीति आयोग, डॉ वी. के. पॉल, अपर सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, श्री चरणजीत सिंह, पूर्व सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, अमरजीत सिन्हा सहित अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में यूनिसेफ, वर्ल्ड बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थानों का भी प्रतिनिधित्व रहा।
केंद्रीय मंत्री ने दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत तैयार किए गए संगठन की प्रशंसा करते हुए विभाग से आग्रह किया कि योजना का नाम संक्षिप्त रूप में न लिखें। उन्होंने कहा कि जब हम पूरा नाम लिखेंगे तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सम्मान होगा और उद्देश्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल के अनुसार मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है। अगर दीन-दुखियों और गरीबों की सेवा कर ली तो उनके आंखों में साक्षात भगवान के दर्शन होंगे। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दीनदयाल हमारी प्रेरणा थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य लोगों को गरीबी से मुक्त करना है, लेकिन उसके साथ ही स्वास्थ्य पर भी काम करना होगा, क्योंकि पहला सुख निरोगी काया है। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए बड़े संसाधनों की नहीं, बल्कि छोटी-छोटी जानकारियों और जागरूकता की जरूरत है जिसमें दीदियां नेतृत्व कर सकती हैं। उन्होंने कहा, “ विकसित भारत का मतबल समृद्ध भारत, स्वस्थ भारत और स्वच्छ भारत है, इसलिए दीदियां स्वास्थ्य और शिक्षा में लीड लें।” कार्यक्रम में मौजूद स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,“नारी तू नारायणी है, आपको नेतृत्व करना है, लोगों को जागरूक करना है।“लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण का संदर्भ देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित दीदियों से निवेदन किया कि हम भी तीन गुना ज़्यादा ताक़त से काम करें ताकि बहुत जल्दी तीन करोड़ लखपति दीदियां तैयार करने का संकल्प पूरा हो सके। अलग-अलग राज्यों से आई दीदियों से उन्होंने कहा कि उनमें असीम ताकत है, शक्ति है, वे अपने-अपने प्रांत में नेतृत्व करें।
उन्होंने कहा कि महिलाएं बोझ नहीं, वरदान हैं। स्वयं सहायता समूह से ग्रामीण महिलाओं का, न केवल आर्थिक सशक्तीकरण हुआ है, बल्कि सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक सशक्तीकरण हुआ है। यह संगठन की ताकत है। उन्होंने सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के कार्यक्रमों के बीच अभिसरण पर ज़ोर देते हुए कहा कि सभी के सहयोग और समन्वय से ही विकसित भारत का सपना संभव होगा।
अपने संबोधन में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ.चंन्द्र शेखर पेम्मासानी ने कहा कि भारत में महिलाओं और बच्चों का कल्याण केवल एक प्राथमिकता ही नहीं है बल्कि एक अधिकार और आधार भी है। उन्होंने कहा,“माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने इन महिलाओं की क्षमता को पहचाना है, जो महिलाएं अभी तक बार-बार होने वाली बीमारियों पर अपनी मेहनत की कमाई ख़र्च कर रही थीं, वही महिलाएं कम्युनिटी के लीडर के रूप में सामने आ रही हैं।“उन्होंने कहा कि सामाजिक विकास की पहल के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में भोजन,पोषण,जल,सफ़ाई और स्वास्थ्य कार्यक्रम का एकीकरण केवल नीति ही नहीं बल्कि एक क्रांति है।
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