भोपाल, 11 जुलाई। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) ने पिछले दिनों शिक्षा गारंटी कानून को लेकर जारी रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने आज पत्रकार वार्ता में बताया कि रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि “शिक्षा का अधिकार” कानून लागू होने के 6 साल बाद भी मध्य प्रदेश सरकार सभी को शिक्षा देने का लक्ष्य प्राप्त करने में विफल रही है.
श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि शिवराज जानबूझकर सरकारी शिक्षा तंत्र को खत्म करना चाहते है, 2010 से 2016 के बीच 7284 करोड रुपए का बजट जारी ही नहीं किया गया। जो बजट जारी किया गया उस में से भी 1200 करोड़ प्रदेश सरकार द्वारा खर्च नहीं किया गया। यही कारण है कि सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के शिक्षा स्तर में भारी गिरावट आई है.
श्री अग्रवाल ने बताया कि रिपोर्ट में यह अविश्वसनीय तथ्य सामने आया है कि 84 प्रतिशत बच्चे 8वी में होने के बावजूद 1-9 तक के नंबर तक नही पहचान पा रहे है, और 51 प्रतिशत छात्र हिंदी लिख पढ़ नही पाते है। सरकारी स्कूली शिक्षा में पढ़ रहे पांचवी 75 प्रतिशत छात्र हिंदी वर्णमाला को पढ़ने लिखने में अक्षम है और 77 प्रतिशत छात्र 1 से 9 तक के नंबर तक नही पहचान पा रहे है।
रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि 2010-11 से 2015-16 के बीच खराब शिक्षा प्रणाली के चलते प्रदेश के 42.86 लाख छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि प्रदेश में शिक्षको की भारी कमी है। 2016 मार्च तक प्रदेश में 63,851 से पद खाली है। प्राथमिक शाला में 37,933 पद खाली है और माध्यमिक शाला में 25,918 पद खाली है, और तो और जिन शिक्षको की भर्ती 2010 से 2016 के बीच की गई है उनमें से ज्यातर को प्रशिक्षण नही दिया गया है।
Ø शिक्षा अधिकार कानून के अनुसार किसी भी स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक नहीं हो सकता, परन्तु कानून का उल्लंघन करते हुए 18, 213 स्कूलों में सिर्फ 1 शिक्षक है.
Ø 22,987 स्कूलों में छात्र/कक्षा का अनुपात ख़राब है.
Ø 32,703 स्कूलों में छात्र/शिक्षक अनुपात ख़राब है.
मध्य प्रदेश में 70% बच्चों में खून की कमी है, 45% बच्चे कुपोषित है. खून की कमी और कुपोषण से मानसिक विकास रुक जाता है. उसके बाद शिक्षा को बर्बाद करके शिवराज जी ने मध्य प्रदेश की एक पूरी पीढ़ी बर्बाद कर दी है. शिवराज को अपने को मामा कहलाने का कोई हक्क नहीं है, वह इस रिश्ते को गन्दा कर रहे हैं. आज के भाजपा कांग्रेस के राजनेता चाहते ही नहीं हैं कि हमारे बच्चे शिक्षित हों, क्योंकि यदि वो शिक्षित हो जायेंगे तो उनके लूट और भ्रष्टाचार की खिलाफत करेंगे.
आम आदमी पार्टी का मानना है कि एक शिक्षित पीढ़ी ही देश का निर्माण कर सकती है. इसलिये दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार अपने बजट का 25% हिस्सा शिक्षा पर खर्च करती है। पिछले 4 सालों में 10000 से ज्यादा नई कक्षाएं बनाई गई है, शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है और उसी का नतीजा है कि आज दिल्ली में सरकारी स्कूल के नतीजे प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले में ज्यादा बेहतर आते हैं। जहाँ मध्य प्रदेश में रिजल्ट 48% आता है वहीँ दिल्ली में रिजल्ट 93% आया है. आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पूरी शिक्षा व्यवस्था का अमूल चूल परिवर्तन किया जायेगा.
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