निदा खान और फरहत नकवी के नाम आल इंडिया फैजान-ए-मदीना कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुईन सिद्दीकी नूरी की तरफ से फ्राइडे को एक और फतवा जारी किया गया. जिसमें उन्हें तीन दिन में भारत छोड़ने की चेतावनी दी गई है. फतवे में यह भी कहा गया कि निदा खान और फरहत नकवी को पत्थर मारकर और चोटी काटकर भारत से निकालने वाले को 11,786 रुपए संगठन नकद पुरस्कार देगा. फतवा जारी होते ही शहर में फिर से तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं.
फरहत नकवी को बताया गैर मुस्लिम
आल इंडिया फैजान-ए-मदीना कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुईन सिद्दीकी नूरी ने फ्राइडे को एक मीटिंग की. जिसके बाद मोइन सिद्दीकी नूरी ने कहा कि आज इस्लाम को मानने वाले इस्लाम और शरई कानून से मुखालफत कर रहे हैं, वो चन्द लोग ही है. जो अपने मफाद की खातिर सरकार और आरएसएस के नियमों को लागू कराने के लिए ये सब कर रहे हैं. केन्द्र सरकार और आरएसएस ने अंग्रेजों वाली रणनीति चलानी शुरू कर दी है. वह लोग मुस्लिम बादशाहों को खरीदते थे और राजपाठ का लालच दिया करते थे. मुस्लमानों को अलग-अलग मसलकों और फिरकों में बांटा करते थे और आज केन्द्र सरकार सत्ता में बने रहने के लिए मुस्लिम पुरुषों के आधार पर मुस्लिम औरतों का सहारा लेकर शरई कानूनों को कमजोर करने के लिए निदा खान और फरहत नकवी का सहारा ले रही है. दोनों महिलाओं के सहारे तीन तलाक, हलाला, बहु विवाह जैसे मुद्दों को उछाल कर विकास एवं बेरोजगारी के मद्दों से पब्लिक को भटकाना चाहती है. जबकि देश और प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं. जारी फतवे में कहा कि निदा खान और फरहत नकवी तलाकशुदा हैं. ये इस्लाम और शरीयत की बात करती हैं. इन्हें मालूम होना चाहिए कि गैर मर्दो की आवाज सुनना चेहरा दिखाना, जिस्म दिखाना बेपर्दा रहना इस्लाम में नाजायज है. फरहत नकवी के बारे में बताया कि वह शिया मुस्लमान हैं या नहीं इसका सबूत पेश किया जाना चाहिए. फरहत नकवी कुरान और हदीस पढ़ें तो यह साबित हो जाएगा कि वह शिया मुसलमान नहीं हैं. क्योंकि 1100 हिजरी में शियाओं ने इमाम हुसैन और उनके खानदान वालों का कत्ल कराने के लिए यदीजों नसरानियों यहूदियों का साथ दिया था उसी दिन से ये तमाम लोग इस्लाम से खारिज हो गए. इसीलिए शिया मुसलमान ही नहीं हैं.
हिन्दुस्तान में रहने का अधिकार नहीं
जारी किए गए फतवे में बताया कि हमारा संगठन इन दोनों को बरेली शरीफ से जबरन पत्थर मारने का और दोनों की चोटियां काटकर जिला बदर करने का फतवा जारी करता है. निदा खान कहती है कि फतवा देने वाले पाकिस्तान चले जाएं. लेकिन हम निदा खान को बता देना चाहते हैं कि हम हिन्दुस्तानी हैं और मरते दम तक हिन्दुस्तान में ही रहेंगे. हम इस्लाम और शरीयत को मानने वाले हैं. इसीलिए निदा खान चाहे कहीं रहे कोई हर्ज नहीं वो पाकिस्तान जाए या ईरान लेकिन भारत के किसी कोने में नहीं रह सकती और फरहत नकवी भी भारत में नहीं रह सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों महिलाओं ने तीन दिन में भारत नहीं छोड़ा तो जबरन पत्थर मारकर चोटियां कटवाकर देश छुड़वा देंगे. देश का कोई भी नागरिक फरहत नकवी व निदा खान की चोटियां काटकर और पत्थर मारकर उन्हें भारत से भगाएगा उस व्यक्ति को संगठन 11,786 रुपए नकद पुरस्कार देगा.
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