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इस दिन पड़ रहा है सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण, जानिए क्या होगा प्रभाव

इस माह सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 2018 27 जुलाई को पड़ रहा है। जिसका असर देश में छह माह तक रहेगा। चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।

27 जुलाई की मध्यरात्रि में चन्द्रमा को ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण सदी का सबसे लंबा ग्रहण होगा ऐसा माना जा रहा है। करीब चार घंटे तक चन्द्रमा ग्रहण के प्रभाव में होंगे। ब्रह्मांड में घटने वाली यह घटना है तो खगोलीय मगर इस घटना का धार्मिक महत्व भी बहुत है. इसका असर लोगों के ऊपर और जन्म कुंडली में 12 राशियों और ग्रहों पर भी पड़ता है| ज्योतिषशास्त्री मान रहे हैं कि ग्रहों की यह स्थिति देश दुनिया के लिए बहुत अच्छी नहीं है। इससे प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है।

इन राशियों पर रहेगा प्रभाव

ज्योतिषाचार्याें के मुताबिक यह ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि के जातको के लिए शुभ, मिथुन, तुला, मकर, कुंभ राशि वाले जातको के लिए अशुभ, वृषभ, कर्क, कन्या, धनु राशि के जातको के लिए सामान्य फलदायक रहेगा। ग्रहण का सूतक शाम 3 बजे से मान्य होंगे। ग्रहण का असर हर राशि पर पड़ता है लेकिन गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बच्चे के लिए चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है| ऐसे में गर्भवती महिला को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है.| इस दिन कई कार्यों को करना अशुभ माना जाता है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की आवश्यकता मानी जाती है |

ग्रहण के समय यह न करें

ग्रहण के समय भोजन और शयन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के एक प्रहर पूर्व रोगी, वृद्ध, बच्चों को भी भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के पूर्व पश्चात दोनों समय स्नान करना चाहिए। ज्योतिषाचार्याें के मुताबिक इस वर्ष ग्रहण का प्रभाव पूरे भारत वर्ष पर पड़ेगा। गर्भवती महिलाओं को इस दिन घर में रहकर ओउम् क्षीरपुत्राय विह्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चंद्र प्रचोदयात् मंत्र का जाप करना चाहिए. साथ ही इस दिन सात अनाज एक साथ मिलाकर दान करना चाहिए|

चार घंटे रहेगा ग्रहण

यह चंद्रग्रहण 3 घंटे 55 मिनट का रहेगा। इसके पूर्व गत 31 जनवरी को माघी पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण था, जिसकी अवधि 3 घंटे 24 मिनट थी। इस बार यह ग्रहण रात 11 बजकर 54 बजे शुरू होकर रात 3.49 बजे समाप्त होगा। करीब चार घंटे चलने वाले इस ग्रहण का सूतक दोपहर 2.54 बजे प्रारंभ हो जाएगा। सूतक लगते ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे।

इन देशों में दिखेगा चंद्रग्रहण

सदी का यह सबसे लंबा चंद्रग्रहण भारत के अलवा ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोपीय देशों व अंर्टाकटिका में भी देखा जा सकेगा। इस साल यह दूसरा मौका होगा जब ग्रहण के समय ब्लड मून दिखेगा। चंद्रग्रहण देखने के लिए बड़ी-बड़ी इमारतों और लाइट्स से दूर खुले इलाके या छत पर जाएं। इसे देखने के लिए टेलिस्कोप की जरूरत नहीं, लेकिन अगर टेलिस्कोप से देख लें तो आपका चांद और भी खूबसूरत और निराला नजर आएगा।

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