समझौता रद्द कर सरकार अपने हाथ में ले प्रोजेक्ट
पिछले कई वर्षों से गैमन इण्डिया लिमिटेड के न्यू मार्किट स्थित प्रोजेक्ट को लेकर लगातार विवाद की स्थिति बनी हुयी है, उनके जमीन आवंटित होने से लेकर अभी तक कई बार विवाद उठ चुके है और आज भी यह प्रोजेक्ट अधूरा ही है। गेमन इण्डिया और भाजपा की साँठगाँठ को लेकर आज प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल द्वारा सनसनीखेज खुलासे किए गए।
वर्ष 2008 में गेमन इण्डिया की सब्सिडियरी कंपनी दीपमाला इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को न्यू मार्केट में 15 एकड़ जमीन विकसित करने के लिए निम्न शर्त पर दी गयी थी:
· दी गयी थी शर्त ये थी कि वर्ष 2013 तक इस प्रोजेक्ट को पूर्ण कर लिया जायेगा.
· 180 दिन की देरी होने पर 1 लाख की रोजाना की पैनल्टी लगाई जायेगी।
· 180 दिन से 365 दिन की देरी होने पर 2 लाख प्रतिदिन की पैनल्टी लगायी जायेगी।
· 365 दिन से अधिक देरी होने पर इस प्रोजेक्ट को समाप्त कर म.प्र. सरकार जमीन वापस ले सकती है।
2013 में प्रोजेक्ट पूर्ण ना होने के बावजूद आजतक ना तो गेमन इण्डिया पर कोई पेंनाल्टी नही लगायी गई। उसके उलट गैमन इंडिया का समय 2015 तक बढ़ा दिया गया और अभी तक कोई करवाई नही की गई है, इस कारण पैसे की लूट के साथ सैकड़ों उपभोक्ता गंभीर परेशानी का सामना कर रहे हैं.
आश्चर्यजनक रूप से 2013 में प्रोजेक्ट पूर्ण होने के कुछ समय पूर्व ही गेमन इण्डिया द्वारा बीजेपी को पूर्णता गैरकानूनी रूप से 25 लाख रूपये का चन्दा दिया गया और इससे बाद ही सरकार द्वारा 2 साल के लिए गैमन इंडिया को राहत दी गई। तत्कालीन नियम अनुसार कोई कंपनी अपने 3 वर्ष के फायदे के औसत का 7.5 प्रतिशत ही चंदे में दे सकती थी। वर्ष 2009-10, 2010-11, 2012-13 में गैमन इंडिया को औसत मुनाफा (-) 56.9 करोड रहा है, यानि गैमन को घाटा हुआ, फिर भी उसके द्वारा भाजपा को वर्ष 2012-13 में 25 लाख का चंदा दिया है जो कि कानून का सीधा उलघंन था.
साफ़ है भाजपा को दिये इस पैसे के एवज में शिवराज सरकार ने गैमन इंडिया की प्रोजेक्ट को बढ़ाने की मंजूरी दे दी.
आम आदमी पार्टी का मानना है कि गैर क़ानूनी चंदा लेकर शिवराज सरकार गैमन जैसी कुख्यात कंपनी को फायदा पहुंचा रही है. हम शिवराज सरकार से पूछना चाहते हैं कि-
1. क्या कारण है कि भाजपा ने गैर क़ानूनी रूप से गैमन इण्डिया से 25 लाख रु का चंदा लिया?
2. क्य कारण है कि गैमन इंडिया लिमिटेड द्वारा डिफ़ॉल्ट करने के बावजूद वर्ष 2012-13 में प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाकर उसे फायदा दिया गया?
3. प्रोजेक्ट में 5 वर्ष की देरी होने के बावजूद क्यों आज तक प्रोजेक्ट प्रोमोटर गैमन पर कोई पेनल्टी नही लगाई और न ही अनुबंधन के अनुसार इस प्रोजेक्ट का सरकर द्वारा अधिग्रहण किया गया है?
सरकार प्रोजेक्ट को कब्जे में लेकर गैमन को दण्डित करे:
आम आदमी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि गैमन और शिवराज जी की मिली भगत के कारण आज आम जनता और उपभोक्ताओं का नुक्सान हो रहा है. हम मांग करते हैं कि:
1. इस प्रोजेक्ट को तत्काल सरकार अपने अधीन ले और गैमन इंडिया लिमिटेड पर प्रोजेक्ट में देरी के लिये उसे दण्डित किया जाये.
2. सरकार सभी उपभोक्ताओं को उनके मकान व दुकान तत्काल आवंटित करे।
3. वर्ष 2012-13 में भाजपा को गैमन इंडिया द्वारा दिए गए 25 लाख रु केगैर कानूनी चंदे और उन्हें दी जा रही रियायत की कोर्ट की निगरानी के जांच करवाई जाए.
आम आदमी पार्टी शिवराज जी के भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को आम जनता के बीच ले जाएगी.
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