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करुणानिधि का 94 साल की उम्र में निधन ,पीएम मोदी ने जताया शोक

सफल राजनेता, फिल्म लेखक, गीतकार, साहित्यकार, कार्टूनिस्ट और पत्रकार एम करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया। द्रविड़ मुनेत्र कणगम के 94 वर्षीय करुणानिधि ने कावेरी अस्पताल में शाम 6:10 बजे अंतिम सांस ली। इससे पहले उनकी नाजुक हालत की खबर मिलने के बाद उनके हजारों समर्थक अस्पताल के बाहर जमा हो गए थे।

अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंदन सेल्वराज ने बताया, ‘डॉक्टरों की पूरी टीम अथक प्रयासों के बावजूद अपने प्रिय नेता को नहीं बचा सकी। उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।’ उन्हें 28 जुलाई को ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर फैलते ही उनके सैकड़ों समर्थक रोते बिलखते दिखे।

इससे पहले मंगलवार दिन में उनके पुत्र एम के स्टालिन ने मुख्यमंत्री पलनीस्वामी से मुलाकात की थी। उसके बाद मुख्यमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। इस बीच अस्पताल और करुणनिधि के गोपालपुरम स्थित निवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई।

कावेरी अस्पताल प्रशासन ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद हम उन्हें नहीं बचा पाए। करुणानिधि ने मंगलवार की शाम 6 बजकर 10 मिनट पर अपनी अंतिम सांस ली।

करुणानिधि के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है. पीएम ने कहा कि करुणानिधि भारत के सबसे सीनियर नेता थे. मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ”हमने ज़मीन से जुड़े एक नेता को खो दिया है. वो एक बेहतरीन लेखक थे और उनका पूरा जीवन ग़रीबों के कल्याण में समर्पित रहा.”


करुणानिधि बीते कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका चेन्नई स्थित आवास में ही इलाज किया जा रहा था.

शुक्रवार तड़के उन्हें चेन्नई के कावेरी अस्पताल में दाखिल कराया गया. उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था.

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे
करुणानिधि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और बुढ़ापे में होने वाली कई बीमारियों से पीड़‍ित थे। करुणानिधि के ब्‍लड प्रेशर में गिरावट आने के कारण 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआती इलाज के बाद उनका ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल में कर लिया गया था। शनिवार रात को हॉस्पिटल ने एक बयान जारी कर कहा था कि करुणानिधि के स्‍वास्‍थ्‍य को ‘अस्‍थाई झटका’ लगा है।

इस बीच सोमवार को करुणानिधि की तबीयत और ज्‍यादा खराब हो गई। मंगलवार शाम को जारी अपने बयान में कावेरी अस्‍पताल ने कहा था कि पिछले कुछ घंटों में एम करुणानिधि की हालत में काफी गिरावट आई है। पूरे मेडिकल सपॉर्ट के बाद भी उनके अंगों के काम करने की गति कम होती जा रही है। उनकी स्थिति बहुत ही नाजुक और अस्थिर बनी हुई है।’ देर शाम को हॉस्पिटल ने करुणानिधि के निधन की घोषणा कर दी। हॉस्पिटल ने बताया कि करुणानिधि का शाम 6:10 पर निधन हो गया।

करुणानिधि बीते दो सालों से राजनीति में सक्रिय नहीं थे. उनके बेटे और राजनीतिक वारिस एमके स्टालिन ने साल 2017 में डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम संभाला था.

साल 1969 में डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरै के निधन के बाद करुणानिधि पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने थे.

उन्होंने क़रीब 50 तमिल फ़िल्मों में पटकथा और संवाद लेखक के तौर पर काम किया था.

करुणानिधि ने 27 जुलाई 1969 को डीएमके अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी संभाली थी. बीते शुक्रवार को उन्होंने इस पद पर 49 साल पूरे किए और बतौर अध्यक्ष 50वें साल के कार्यकाल की शुरुआत की.
करुणानिधि ने तीन शादियां कीं. उनकी पहली पत्नी पद्मावती का कम उम्र में निधन हो गया. इस शादी से उनके एक बेटे एमके मुथु हैं.

इसके बाद करुणानिधि ने दयालु अम्माल और रजति अम्माल से शादी की.
दयालु और करुणानिधि के बच्चे एमके अलागिरि, एमके स्टालिन, एमके तमिलारासू और बेटी सेल्वी हैं.

तीसरी शादी से उनकी इकलौती बेटी कनिमोझी हैं जो राज्यसभा सांसद भी हैं.

करुणानिधि ने कई किताबें भी लिखीं. इनमें उनकी आत्मकथा नेन्जुक्कू नीति (दिल के लिए इंसाफ) भी शामिल है. वो कुछ वक़्त के लिए पार्टी के मुखपत्र के संपादक भी रहे.

करुणानिधि ने आख़िरी विधानसभा चुनाव थिरुवरूर विधानसभा सीट से जीता था. साल 2016 के चुनाव में उन्होंने पूरे राज्य में सबसे ज़्यादा अंतर से जीत दर्ज़ की थी.

सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद करुणानिधि का घर से बाहर आना लगभग बंद ही हो गया था. तीन जून, 2018 को जब को 94 साल के हुए तो वो आख़िरी बार लोगों के सामने आए थे।

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