नई दिल्ली । चुनाव में हिंदुत्व के नाम पर समाचारों के माध्यम से हवा बनाने और विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को बदनाम करने की कथित सौदेबाजी का खुलासा हुआ है। खोजी पत्रकारिता करने वाले कोबरापोस्ट समूह ने दैनिक भास्कर के शीर्ष प्रबंधन के तीन स्टिंग वीडियो जारी किये हैं। इन वीडियो में 18 से 20 करोड़ रुपए के एवज में कुछ संगठनों के राजनीतिक हित साधने और कालाधन खपाने का वादा करने संबंधी बातचीत का रेकार्ड है।
दैनिक भास्कर समूह का शीर्ष प्रबंधन, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और अन्य वरिष्ठ सहयोगी समाचार, कंटेंट को लेकर बातचीत करते और करोड़ों की रकम नकद में लेने के इंतजाम करते देखे-सुने जा सकते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को कोबरापोस्ट के तर्कों से संतुष्ट होने के बाद भास्कर समूह संबंधी स्टिंग सार्वजनिक करने की इजाजत दे दी। अदालत ने अभिव्यक्ति की आजादी को लोकतंत्र की जीवनरेखा मानते हुए मई, 2018 में इस स्टिंग प्रसारण पर लगी रोक हटा ली।
स्टिंग ऑपरेशन को सार्वजनिक करने की छूट मिलते ही कोबरापोस्ट ने इसे अपने पोर्टल पर पोस्ट कर दिया, जिसमें भास्कर का शीर्ष प्रबंधन पेड न्यूज छापने और लेने-देन की बातें करते दिख रहा है। इसमें सौदेबाजी की रकम बार-बार 18-20 बताई जा रही है, जो दरअसल करोड़ में है। इसमें हिंदुत्व का अभियान, विपक्षी नेताओं के खिलाफ खबरों समेत अन्य के लिए भास्कर के मध्यक्रम से लेकर शीर्ष प्रबंधन तक पैसे के एवज में उनकी मर्जी के मुताबिक प्रकाशित/प्रसारित करने के लिए तैयार हैं।
कालाधन : नोट गिनने के लिए मशीन बुलाई
वीडियो में देखा-सुना जा सकता है कि सौदेबाजी की करोड़ों की रकम नकद में लेने के लिए दैनिक भास्कर समूह के चीफ फाइनेंस अफसर कहते हैं कि उन्होंने नोट गिनने के लिए दो मशीने भी कार्यालय में बुला ली हैं। कोबरापोस्ट ने यह नकद सौदेबाजी दिखाकर यह साबित किया है कि ऐसे मीडिया हाउस कालाधन खपाने का जरिया बन गए हैं।
तीन अक्टूबर को सभी पक्ष हाईकोर्ट में तलब
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की ही एकलपीठ ने इस साल मई में भास्कर की याचिका पर कोबरापोस्ट को यह स्टिंग प्रसारित न करने का आदेश दिया था, जिसे शुक्रवार को जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट और ए के चावला की खंडपीठ ने खारिज कर दिया। साथ ही मामले को एकलपीठ के पास वापस भेजते हुए दैनिक भास्कर कॉरपोरेशन लिमि. को अंतरिम राहत के सवाल पर नए सिरे से सुनवाई के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने सभी पार्टियों को तीन अक्टूबर को एकलपीठ के समक्ष हाजिर होने का निर्देश भी दिया है। कोबरापोस्ट ने कई मीडिया घरानों पर पेड न्यूज़ छापने, सांप्रदायिक ध्रु्वीकरण करने और कालाधन स्वीकारने जैसे कई मसलों पर स्टिंग ऑपरेशन किया था, इसमें दैनिक भास्कर प्रबंधन भी शामिल था।
कोबरापोस्ट की डॉक्यूमेंट्री में कथित रूप से कई मीडिया घरानों के वरिष्ठ अधिकारियों को एक अंडरकवर रिपोर्टर से बात करते दिखाया गया है। इसमें वे पैसे लेकर हिंदुत्व की राजनीति, विपक्षी दलों – कांग्रेस, बसपा, सपा और जद (से.) के नेताओं की आलोचना को बढ़ावा देने के प्रस्ताव पर सौदेबाजी कर रहे हैं। डीबी कॉरपोरेशन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए 24 मई को स्टिंग ऑपरेशन सार्वजनिक करने पर रोक लगाई थी।
कोर्ट में भास्कर ने कहा था – स्टिंग जारी होने से हमारी साख बिगड़ेगी
भास्कर ने स्टिंग ऑपरेशन के खुलासे के पीछे समूह को बदनाम करने का तर्क दिया। स्टिंग ऑपरेशन जनहित में न होने की बात कहते हुए इसे समूह की साख को नुकसान पहुंचाने वाला बताया, इसकी नैतिकता पर भी सवाल उठाए। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इन तर्कों को नकारते हुए कहा कि देश की जनता मीडिया समूहों से सही टिप्पणी और खबर की अपेक्षा करती है।
हाईकोर्ट ने कहा- जनता मीडिया से ही टिप्पणी और खबर की अपेक्षा करती है
कोर्ट ने कहा कि मीडिया समूहों के जरिए ही सूचनाएं प्रसारित होती हैं और वे लोकतंत्र के स्तंभों में से एक हैं। भास्कर समूह के तर्क न मानते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इंटरनेट माध्यमों से चुनौतियां बढ़ी हैं लेकिन इनके अभिव्यक्ति के अधिकार को कमजोर नहीं किया जा सकता। डीबी कॉरपोरेशन ने खोजी पत्रकारिता करने वाले कोबरापोस्ट पर स्थायी रोक लगाने की गुहार लगाई थी।
Train Jihad: India has witnessed significant strides under the leadership of Prime Minister Narendra Modi.… Read More
Education is the epicentre of transformative change, stresses VP Dhankhar Today's India is not the… Read More
The Union Cabinet chaired by Prime Minister, Shri Narendra Modi, today approved seven schemes to… Read More
The Union Cabinet has approved the Unified Pension Scheme (UPS Scheme), a landmark reform in… Read More
ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई… Read More
Indian Market Stability Amidst Baseless Allegations in Hindenburg Report The Indian financial markets have faced… Read More