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किसान आंदोलन पर हुयी राजनीति तेज,राहुल गांधी ने साधा सरकार पर निशाना

आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली सीमा पर रोके जाने को लेकर राजनीति लपट तेज हो गई है। किसानों को रोकने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने किसानों की पिटाई के साथ गांधी जयंती समारोह शुरू कर दिया है। इस बीच, नाराज किसानों को मनाने के लिए सरकार भी सक्रिय हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ प्रदर्शनकारी किसानों के नेताओं की बैठक हुई है और कई मुद्दों पर सहमति बनने की खबर आ रही है। इस बारे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आज घोषणा भी कर सकते हैं। उधर, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत और राज्य सरकार के मंत्री सुरेश राणा किसानों से मिलने पहुंच गए हैं।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘विश्व अहिंसा दिवस पर बीजेपी का दो वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ।’

राहुल ने कहा, ‘अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!’बीजेपी के साथ एनडीए में सहयोगी दल जेडीयू ने भी किसानों के आंदोलन से निपटने के तरीके पर ऐतराज जताया है। जेडीयू के सीनियर लीडर केसी त्यागी ने कहा, ‘शांतिपूर्ण और निहत्थे किसानों को राजघाट जाने से रोका गया। उनके साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव किया गया है। उनके ऊपर लाठी चार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हम इसकी निंदा करते हैं।’ दिल्ली के सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘दिल्ली सबकी है। किसानों को दिल्ली में आने से नहीं रोका जा सकता। किसानों की मांगे जायज हैं। उनकी मांगें मानी जाएं।’

इस बीच केंद्र कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किसानों से बातचीत कर उनकी मांगे मानने के संकेत दिए हैं। शेखावत ने कहा, ‘गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से मुलाकात की है और उनकी मांगों को लेकर चर्चा की। किसानों की कई अहम मांगों पर समझौता हुआ है। किसान नेता, यूपी के मंत्री लक्ष्मी नारायण, सुरेश खन्ना और मैं किसानों से मुलाकात करने जा रहे हैं।’

गौरतलब है कि कर्ज माफी और ईंधन के दामों में कटौती सहित अपनी कई दूसरी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर मंगलवार को रोक दिया गया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े।

ये हैं किसानों की मांगें

  • किसान 60 साल की आयु के बाद पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।
  • पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव करने की मांग।
  • गन्ना की कीमतों का जल्द भुगतान की मांग।
  • किसान कर्जमाफी की भी मांग कर रहे हैं।
  • सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में देने की भी मांग।
  • किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन।
  • आवारा पशुओं से फसल का बचाव।
  • सभी फसलों की पूरी तरह खरीद की मांग भी की गई है।
  • इसके अलावा किसान स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग है।
  • गन्ने की कीमतों के भुगतान में देरी पर ब्याज देने की मांग कर रहे है।

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