सरकार द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत का समुद्री खाद्य ( सीफूड )निर्यात 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 30.81 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 61043.68 करोड़ रुपये का हो गया है।
वर्ष | उत्पादन
(लाख टन में) |
निर्यात
(लाख टन में) |
2019-20 | 141.64 | 13.29 |
2020-21 | 147.25 | 11.68 |
2021-22 | 162.48 | 13.98 |
2022-23 | 175.45 | 17.54 |
2023-24 | 182.70** | 18.19 |
स्रोत: डीजीसीआईएस, और मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार
** अनुमानित
सरकार पिछले वर्ष की तुलना में निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से निर्यात संवर्धन निकायों और विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों के साथ समुद्री खाद्य उत्पादों सहित समग्र निर्यात के क्षेत्र में प्रदर्शन की नियमित रूप से निगरानी और समीक्षा करती है। आंतरिक लक्ष्यों का उपयोग केवल निगरानी उद्देश्य के लिए किया जाता है और यह 2024-25 के लिए 7.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर निर्धारित किया गया है।
वाणिज्य विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक वैधानिक संगठन, समुद्री खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के माध्यम से सरकार मूल्य संवर्धन के लिए बुनियादी सुविधाओं को उन्नत करने, परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने और निर्यात के उद्देश्य से किए जाने वाले जलीय कृषि उत्पादन को तकनीकी सहायता प्रदान करने आदि के लिए सहायता देती है।
बजट 2024-25 में घोषित झींगा और झींगा फ़ीड/मछली फ़ीड के निर्माण के लिए विभिन्न सामग्रियों/इनपुट पर आयात शुल्क में कटौती से भारतीय समुद्री भोजन आधारित मूल्य वर्धित उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बन जायेंगे और इससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। आयात शुल्क में कटौती में मछली के लिपिड तेल (एचएस 1504 20) एवं अल्गल प्राइम (आटा) (एचएस 2102 2000) पर 15 प्रतिशत से शून्य, क्रिल भोजन (एचएस 2301 20), खनिज एवं विटामिन प्रीमिक्स (एचएस 2309 90 90) पर 5 प्रतिशत से शून्य, कच्चे मछली के तेल पर 30 प्रतिशत से शून्य, झींगा एवं झींगा फ़ीड (2309 90 31) और मछली फ़ीड (2309 90 39) पर 15 प्रतिशत से 5 प्रतिशत, प्री-डस्ट ब्रेडेड पाउडर पर 30 प्रतिशत से शून्य तक की कटौती शामिल है।
सरकार ने विभिन्न समुद्री खाद्य उत्पादों के लिए निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं करों की छूट (आरओडीटीईपी) को 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.1 प्रतिशत और प्रति किलोग्राम अधिकतम मूल्य सीमा को बढ़ाकर 69.00 रुपये कर दिया गया है। यह कदम भी ऐसे उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करेगा।
इसके अलावा, भारत सरकार का मत्स्यपालन विभाग मत्स्यपालन क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 5 वर्षों की अवधि यानी वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मत्स्यपालन क्षेत्र में 20050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) नामक प्रमुख योजना को लागू कर रही है। इस योजना का उद्देश्य मछली उत्पादन एवं उत्पादकता, पकड़/फसल की गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी निवेश, उपज के बाद के बुनियादी ढांचे, मूल्य श्रृंखला के आधुनिकीकरण एवं मजबूती, फसल के बाद की क्षति में कमी, पता लगाने की क्षमता आदि के मामले में महत्वपूर्ण अंतराल को पाटना है। वर्ष 2020-21 से, भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग ने पीएमएमएसवाई के तहत कोल्ड चेन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1283.47 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसमें 586 कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, 78 कोल्ड स्टोरेज/बर्फ संयंत्रों का आधुनिकीकरण और 26588 फसल के बाद परिवहन सुविधाएं शामिल हैं।
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