Tuesday, October 15, 2024
Sports

सुनील छेत्री ने की लियोनेल मेसी की बराबरी

भारतीय फ़ुटबॉल टीम के कप्तान और करिश्माई खिलाड़ी सुनील छेत्री ने रविवार को यहां इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फ़ाइनल में कीनिया के ख़िलाफ़ दो गोल कर अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबालर लियोनल मेसी के 64 गोल की बराबरी कर ली.खिताबी मुक़ाबले में दोनों गोल पहले हाफ में ही हुए और इस तरह भारत ने कीनिया को 2-0 से हराकर इंटरकॉन्टिनेंटल फ़ुटबॉल कप जीत लिया.छेत्री और मेसी अंतरराष्ट्रीय फुटबाल में सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं. सक्रिय फुटबॉलरों में सबसे ज्यादा गोल पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम दर्ज हैं जिन्होंने 150 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 81 गोल किए हैं.सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में ये दोनों खिलाड़ी हालांकि 21वें स्थान पर हैं. इनसे अधिक गोल करने वालों में आइवरी कोस्ट के दिदिएर ड्रोग्बा हैं, जिन्होंने 104 मैचों में 65 गोल दागे हैं. 33 साल के छेत्री का यह 102वां मैच था और इस मैच से पहले उनके नाम 62 अंतरराष्ट्रीय गोल थे.उन्होंने रविवार को कीनिया के ख़िलाफ़ मैच में आठवें और फिर 29वें मिनट में गोल किए.

छेत्री के अलावा सिर्फ़ बाइचुंग भूटिया ही भारत के लिए 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल सके हैं.33 साल के सुनील छेत्री के तीन गोलों की मदद से ही भारत ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप में चीनी ताइपे को 5-0 की करारी शिकस्त दी थी. इस मैच में सिर्फ 2,569 दर्शक ही स्टेडियम पहुंचे थे.भारतीय कप्तान सुनील छेत्री टूर्नामेंट में स्टेडियम में दर्शकों के नहीं पहुँचने से खासे मायूस थे और उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करके लोगों से स्टेडियम पहुँचने की भावुक अपील की थी.उन्होंने कहा था, “आप हमें गालियां दो, आलोचना करो, लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम का खेल देखने के लिए स्टेडियम आओ.”उन्होंने कहा कि अगर दर्शक देखने आते हैं तो उनकी टीम का उत्साह बढ़ेगा और वो और अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली समेत कई क्रिकेटरों ने भी सुनील छेत्री की अपील का समर्थन किया था.शौकिया फुटबॉल खेलने के बाद सुनील छेत्री के प्रोफेशनल करियर की शुरुआत साल 2002 में हुई थी. 17 साल की उम्र में उन्हें मोहन बागान के लिए साइन किया गया था.उन्हें साल 2007, 2011, 2013 और 2014 में अखिल भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ (एआईएफ़एफ़) का प्लेयर ऑफ़ द ईयर चुना गया था.

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