महाराष्ट्र में भड़का मराठा आंदोलन, हिंसक प्रदर्शन, बसों को फूंका
एक बार फिर महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की आग भड़क उठी है। मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ता औरंगाबाद में जल समाधि प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी प्रदर्शन के दौरान सोमवार को एक काका साहेब नाम के एक युवा ने आरक्षण की मांग को लेकर गोदावरी नदी में छलांग लगाकरक खुदकुशी कर ली थी।
काका साहेब शिंदे गंगापुर तालुका के कानडगांव का निवासी था। उसे नदी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद से ही ये आंदोलन और भड़क गया है। मराठा समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 16 फीसद आरक्षण की मांग कर रहा है। राज्य की तीस फीसद आबादी मराठा ही है। ऐसे में इस आंदोलन से सरकारी की परेशानी बढ़ी हुई है।
परभणी में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। बस फूंके जाने से कई यात्री घायल हो गए, जिन्हें परभणी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मराठा क्रांति मोर्चा ने आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। जिसका असर दिखना शुरू हो गया है। हालांकि मुंबई, पुणे जैसे शहर इस बंद से बाहर हैं। मगर बाकी जिलों में प्रदर्शन हिंसक हो गया है। मंगलवार को औरंगाबाद में एक और शख्स ने खुदकुशी की कोशिश की है। गुड्डू सोनावणे नाम के शख्स ने भी नदी में कूदकर जान देने की कोशिश की है।
ये है मामला
मराठा समाज अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण चाहते हैं। इसको लेकर पिछले साल मराठा समाज ने तकरीबन हर जिलों में मूक मोर्चा निकालकर सरकार को चेतावनी दी थी लेकिन, अब इस मांग को पूरा करने के लिए विरोध प्रदर्शन का सिलसिला तेज हो गया है। फिलहाल, मराठा आरक्षण का मामला बांबे हाईकोर्ट में लंबित है।