श्रावण माह का प्रथम सोमवार ,पहली सवारी में महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए निकले नगर भ्रमण पर
उज्जैन। श्रावण मास की पहली सवारी सोमवार को धूमधाम से निकली। प्रतिवर्ष की तरह बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए शहर में निकले रास्ते भर बाबा के भक्त हजारो की तादात में उनकी एक झलक पाने के लिए आतुर थे। सवारी के आगे-आगे भजन मंडलिया चल रही थी सवारी निकलनेे के पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों बाबा महाकाल की पुजा अर्चना की गई तत्पश्चात बाबा महाकाल की पालकी अपने निर्धारित मार्ग की तरफ बढ़ चली विदित रहे कि उज्जैन में 12 ज्योतिलिंगो मे से एक महांकालेश्वर विराजित है जिनकी सवारी प्रतिवर्ष श्रावण तथा भादो माह में निकाली जाती है बताया जाता है कि सन 1930 मे सवारी निकाले जानेे कि परम्परा शुरू हुई थी उस वक्त देश में अंग्रेजों का शासन हुआ करता था जबकि उज्जैन सिंधिया स्टेट का हिस्सा था, यहि वजह है कि शाही सवारी की पुजा अर्चना सिंधिया परिवार के सदस्य द्वारा किये जाने कि परम्परा अब तक जीवित है ।
दूसरी सवारी 06 अगस्त को निकलेगी। जिसमें पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे। तीसरी सवारी 13 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर रहेंगे और हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरूड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चोथी सवारी 20 अगस्त को निकलेगी जिसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 27 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। अन्तिम शाही सवारी 03 सितम्बर को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।
सवारी का लाईव प्रसारण श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की वेबसाईट www.mahakaleshwar.nic.in पर भी किया जा रहा है तथा प्रत्येक सोमवार को किया जावेगा।
सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से यह अपील की जाती है कि :-
1 कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारी गण भट्टी चालू न रखें एवं न ही तेल का कढ़ाव रखें।
2 कृपया दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें तथा सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडें रहें।
3 दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें।
4 श्रद्धालु सवारी के मध्य सिक्के नारियल केले फल आदि न फैंके।
5 सवारी के बीच में प्रसाद व चित्र वितरण न करें, सवारी आगे बढने के पश्चात ही वितरण करे।
6 पालकी के आस-पास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।