नोटबंदी के कारण बढ़ी मॉब लिंचिंग : राहुल गांधी
जर्मनी में कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपने भाषण में बोली गई ११ अहम बातें..आप भी जानें
बूसेरियस समर स्कूल जर्मनी (राहुल गांधी खुद भी यहां से पढ़े हुए हैं) मैं बोलते हुए उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले प्रधानमंत्री ने नोटबंदी लागू की, जिसकी वजह से छोटी कंपनियों में कैश की कमी हो गई. कैश कमी को वजह से वहां काम करने वाले लाखों लोग बेरोज़गार हो गए. लोगों को शहर छोड़कर गांव जाना पड़ा. यही कारण है कि लोग गुस्से में हैं. सारे लिचिंग के मामले जो हम सुनते हैं वो इसी वजह से हो रहे हैं._
01.राहुल गांधी ने कहा, ‘कुछ साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया. इससे अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए. बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को वापस अपने गांव लौटने को मजबूर होना पड़ा. इससे लोग काफी नाराज़ हैं. लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं, वो इसी का परिणाम है.’
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02.कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने पीएम मोदी को गले लगाकर नफरत का जवाब प्यार से दिया. मेरे खिलाफ पीएम मोदी नफरत फैलाने वाली टिप्पणियां करते हैं. अहिंसा भारत का दर्शन है और भारतीय होने का सार है. हालांकि मोदी को गले लगाने का कदम मेरी पार्टी के कुछ सदस्यों को पसंद नहीं आया.’
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03. उन्होंने कहा, ‘साल 1991 में मेरे पिता को आतंकवादी ने मार डाला था. जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा, तो मुझे अच्छा नहीं लगा. मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा.’ मालूम हो कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार था. उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था.
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04. राहुल गांधी ने कहा, ‘मैंने हिंसा को झेला है और मैं आपको बता सकता हूं कि इससे निकलने का एकमात्र तरीका है- माफ करना है और माफ करने के लिए आपको यह समझना होगा कि ये कहां से आ रही है?’
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05.* एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘अगर आप लोगों को गले नहीं लगाते, तो कोई और ऐसा करेगा और हो सकता है कि वो विचार आपके लिए अच्छा न हो. आपस में जुड़ी दुनिया में आपको सुनना होगा कि दूसरे क्या कह रहे हैं और वे कहां से आ रहे हैं. मैं किसी व्यक्ति से लड़ सकता हूं और उससे असहमत हो सकता हूं, लेकिन नफरत खतरनाक चीज है.’
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06.* कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘रोजगार गारंटी योजना, भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार और बैंकों का राष्ट्रीयकरण ये कुछ ऐसे विचार थे, जो सभी सरकारें करना चाहती हैं, लेकिन अब ये विचार काफी हद तक नष्ट हो गए हैं. दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता है. उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है.’
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07.* उन्होंने कहा कि भारत में धीरे-धीरे बदलाव शुरू हुआ. ये बदलाव जाति आधारित सोच को खत्म कर रहा था और ‘एक व्यक्ति, एक मत’ के विचार को बढ़ावा दे रहा था.
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08.कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘वैसे चीन और भारत के बीच कोई होड़ नहीं है. हो सकता है कि चीन भारत की तुलना में तेज़ी से बढ़ रहा हो, लेकिन यह मायने नहीं रखता है. वहीं, भारत में लोग जो चाहते हैं वो व्यक्त कर सकते हैं और यही मायने रखता है.’ इस बीच राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर चीन से प्रतिस्पर्धा करनी है, तो भारत को छोटे और मध्यम बिजनेस को प्रोत्साहित करना होगा.
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09.* राहुल गांधी ने कहा, ‘अमेरिका के साथ भारत के अहम सामरिक संबंध हैं और हम उनके साथ लोकतंत्र जैसे कुछ विचार साझा करते हैं. हालांकि भारत इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह भविष्य में प्रभावी भूमिका निभाएगा. ऐसे में भारत को दोनों देशों के बीच संतुलन बनाना होगा. इसमें भारत के साथ यूरोप की भूमिका अहम होगी.’
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10.* महिला को समान अधिकार देने के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘जब मैं संसद और राजनीतिक दलों को देखता हूं, तो वहां महिला प्रतिनिधि काफी कम दिखाई देती हैं. हम महिला आरक्षण के लिए विधेयक लेकर आए हैं, लेकिन ये पूरी तरह से सामाजिक मुद्दा है. यदि हम महिलाओं को शामिल नहीं करते हैं, तो देश का निर्माण नहीं कर सकते. भारतीय पुरुषों को महिलाओं को अपने बराबर देखना होगा.’
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11. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर भारत में हम सभी लोगों को रोजगार दे पाते हैं, तो जनसंख्या अपने आप में कोई समस्या नहीं है. शरणार्थियों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के अपमान का कारण कामगारों के बीच नौकरियों की कमी होना है. इससे घृणा और टकराव पैदा हो रहा है.
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