Monday, December 23, 2024
Politics

NRC सूची मैं ना शामिल होने वाले लोगों से मताधिकार छीना जायेगा,व उन्हें उनके देश वापिस भेजा जायेगा

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की अंतिम सूची में जिनका नाम नहीं आया है, उनसे वोट डालने का अधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें उनके देश निर्वासित कर दिया जाएगा। ‘एनआरसी: डिफेंडिंग द बॉर्डर्स, सिक्योरिंग द कल्चर’ विषय पर सोमवार को आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही।
इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। सोनोवाल ने एनआरसी को पूरे देश में लागू किए जाने का सुझाव दिया। सोनोवाल ने कहा कि भारत के वास्तविक नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेगा और एनआरसी की अंतिम सूची में उनके नाम शामिल होंगे।

सोनोवाल ने कहा ‘एनआरसी को सभी राज्यों में लागू किया जाना चाहिए। यह एक दस्तावेज है जो सभी भारतीयों की रक्षा कर सकता है। जिन्हें असम में एनआरसी से बाहर रखा जाएगा वे अन्य राज्यों में जा सकते हैं। इसलिए हमें इस मुद्दे पर मजबूत कदम उठाना होगा।’

बता दें कि असम में रह रहे वास्तविक नागरिकों की पहचान के लिए 30 जुलाई को एनआरसी की सूची जारी की गई थी, जिसमें 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। इसको लेकर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

सेमिनार को संबोधित करते हुए राम माधव ने कहा कि 1985 में हुए ‘असम समझौते’ के तहत एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

उन्होंने कहा कि एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी। उसके बाद अगला कदम उन्हें ‘डिलीट’ करने का होगा। मतलब कि अवैध प्रवासियों का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा और उन्हें सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। फिर अगले चरण में अवैध प्रवासियों को देश से निर्वासित कर दिया जाएगा।

माधव ने कहा कि दुनिया में कोई भी देश अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करता है लेकिन राजनीतिक विचारधाराओं के चलते अवैध प्रवासियों के लिए भारत ‘धर्मशाला’ बन गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि असम में अवैध प्रवासियों की समस्या की विशालता को समझने के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1950 के दशक में विदेशियों को देश से निष्कासित करने के लिए राज्य-विशिष्ट कानून बनाया था।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नेहरू के महान पोते को इतिहास पढ़ना चाहिए और असम में अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने में सहायता करनी चाहिए।

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