मोदी सरकार की यह उपलब्धि वाकई तारीफ के काबिल है।

यह वास्तव में महत्वपूर्ण है और यहां तक कि एंटी-मोदी लोगों को भी इसमें कोई दोष नहीं मिल रहा है।

2014 में एनडीए सत्ता में आने से पहले देश की कुल सौर ऊर्जा क्षमता निम्नानुसार थी।

2014- 2.65 गीगा वाट

30 जून 2018 तक – 23 गीगा वाट

कुल क्षमता में यह 2.65 गीगा वाट का लगभग 867% है। और यह तेजी से बढ़ रहा है। मोदी का लक्ष्य 2022 तक 100 गीगा वाट तक पहुंचना है। यहां तक कि दुनिया में दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भारत में है।

हर प्रमुख रेलवे स्टेशन पर।

ट्रेन कोच पर भी

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सिर्फ यही नही

प्रधान मंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को भी जन्म दिया।

इस विचार को वर्ष 2015 में प्रधान मंत्री मोदी ने प्रस्तावित किया था और 2 वर्षों के भीतर गठबंधन का गठन किया गया था। इसमें 112 देशों का समावेश है। इससे पता चलता है कि हमारी विदेश नीति कितनी मजबूत है।

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