केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश ना मानते हुए एट्रोसिटी अमेंडमेंट एक्ट लागू करने, मप्र सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रमोशन में आरक्षण समाप्त ना कर पात्र शाशकीय सेवको को प्रमोशन से वंचित रखे जाने तथा विभिन्न योजनाओं को बिना जातिगत भेदभाव के आर्थिक आधार पर लागू करने की मांग को लेकर प्रदेश के सपाक्स वर्ग गहन आक्रोश है। इसके चलते 6 सितंबर 2018 को मध्यप्रदेश के साथ पूरे देश में सपाक्स समाज द्वारा स्वत: ही अपने प्रतिष्ठान बंद कर अभूतपूर्व भारत बंद किया था। इसके अलावा प्रदेश भर में लगातार रैलियां और आमसभा कर आंदोलन कर रहे हैं। इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार ने एट्रोसिटी एक्ट जैसे काले कानून को वापिस लेने का अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। यहां तक कि गत 25 सितंबर 2018 को भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पधारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस संबंध में अपने भाषण में कोई चर्चा नहीं की।
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केवल चुनावी लाभ लेने के लिए दिया गया बयान कि, मप्र में बिना जांच के एट्रोसिटी एक्ट में कोई गिरफ्तारी नहीं होगी, असंवैधानिक तथा हास्यास्पद है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि वे चौथी बार सरकार बनाने के चक्कर में अपने संवैधानिक दायित्वों को भी भूल चुके हैं। इससे यह भी प्रतीत होता है कि मप्र में लगातार सपाक्स वर्ग एवं सहयोगी संगठनो द्वारा किए जा रहे आंदोलन के चलते मुख्यमंत्री इस प्रकार के बयान देकर वोट हथियाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं 2002 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा लिए गए प्रमोशन में आरक्षण के निर्णय पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केवल आरक्षित वर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों का साथ दिया जा रहा है। सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा 30.04.2016 को पारित निर्णय कि प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त की जाए के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट की युगल पीठ में याचिका लगा रखी है। यह दर्शाता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार समरसता के खोखले दावों के बीच केवल एक वर्ग के लिए चिंतित है। पूर्व में भी कांग्रेस की सरकारों ने केवल एक वर्ग के हितों पर कार्य किया था, जिसे शिवराज सिंह चौहान की सरकार आगे बढ़ा रही है।
केन्द्र सरकार और मप्र सरकार के सपाक्स वर्ग के प्रति लगातार जारी उपक्षित रवैये को अब बहुसंख्यक समाज और सहन नहीं करेगा। इसको लेकर सभी संगठनों ने अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में क्रांति रैली एवं आमसभा करने का निर्णय लिया है। 30 सितंबर 2018 को कलियासोत एडवेंचर ग्राउंड पर प्रदेश भर के लोग एकत्र होकर अपने अधिकार की आवाज बुलंद करेंगे।
इस महाक्रांति रैली में श्री राजपूत करणी सेना, श्री परशुराम सेना, अखिल भारतीय ब्राह्मण संगठन, क्षत्रिय महासभा, पिछड़ा वर्ग समाज के सभी समाजों के संगठन, वैश्य समाज, जैन समाज, सिख समाज, मुस्लिम समाज, बोहरा समाज, समस्त समाजों की महिला संगठन, युवा एवं छात्र संगठन सम्मिलित होंगे।
Train Jihad: India has witnessed significant strides under the leadership of Prime Minister Narendra Modi.… Read More
Education is the epicentre of transformative change, stresses VP Dhankhar Today's India is not the… Read More
The Union Cabinet chaired by Prime Minister, Shri Narendra Modi, today approved seven schemes to… Read More
The Union Cabinet has approved the Unified Pension Scheme (UPS Scheme), a landmark reform in… Read More
ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई… Read More
Indian Market Stability Amidst Baseless Allegations in Hindenburg Report The Indian financial markets have faced… Read More