Sunday, December 22, 2024
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भोपाल के संवेदनशील क्षेत्र में प्रदर्शन करने पहुंची मध्यप्रदेश की आशा-ऊषा कार्यकर्ता, प्रशासन के फूले हाथ-पांव

भोपाल, 2 अक्टूबर। अपनी मुश्किलों और परेशानियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराने राजधानी पहुंची प्रदेश की आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान लगातार पुलिस-प्रदर्शन कारियों के बीच खींचतान चलती रही। इस बीच एक बार पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया थ्ज्ञा, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया। प्रशासन का कहना था कि मुख्यमंत्री से मिलना है तो आवेदन दो और आवास पर जाकर कुछ लोग मिल लें, लेकिन प्रदर्शन कारी खुले में जनता के बीच ही मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े हुए हैं। खबर लिखे जाने तक हालात तनावपूर्ण हैं।

इससे पहले सुबह 11 बजे से प्रदेश भर की आशा-ऊषा कार्यकर्ता भोपाल के पॉलिटेक्निक चौराहे पर पहुंची थीं। यहां उनका समर्थन करने आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की मांगों को जायज करार देते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की तपती धूप के कारण तबियत भी बिगड़ गई। इसके बावजूद वे अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करती रहीं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें कई बार खदेडऩे की कोशिश की, जिस कारण तीखी झड़प हुई और कुछ कार्यकर्ताओं को चोट भी आई।

इस बारे में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने कहा कि आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की मांगें जायज हैं और आज गांधी जयंती के अवसर पर अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत अगर वे मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं को रखना चाहती हैं, तो इसे पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि प्रदेश के मुखिया जिन आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के बल पर सामान्य जन सुविधाओं के बेहतर होने का दावा करते हैं, वे खुद परेशान हैं। प्रतिदिन 30 रुपए के वेतन पर गुजारा कर रही आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का वेतन तुरंत बढ़ाया जाना चाहिए और उनकी अन्य मांगों पर भी फौरन कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस मौके पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह, पीएसी सदस्य और वरिष्ठ नेता चित्तरूपा पालित, आशा-ऊषा संगठन की प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव समेत दर्जनों आप कार्यकर्ता मौजूद थे।

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