Sunday, December 22, 2024
Politics

दिल्ली वासियों को अगले साल से सार्वजनिक जगहों पर मुफ्त में वाई-फाई की सुविधा मिल सकती है

अपने चुनाव से वक़्त जनता से किये वादों को पूरा करने के लिए केजरीवाल सरकार पूरी कोशिश कर रही है । मुफ्त वाई – फाई सुविधा केजरीवाल के प्रमुख वादों में से एक था जिसको पूरा करने का काम अगले साल तक हो सकता है । इसी के साध अपने घोषणापत्र के अनुसार केजरीवाल पेहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिसने लगभग अपने सारे वादे पूरे करे ।

दिल्ली सरकार के ‘ आउटकम बजट ’ के मुताबिक, मुफ्त वाई-फाई सुविधा मुहैया कराने के लिए टेंडर इस साल सितंबर में जारी किए जाएंगे. पूरे शहर में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा देना आम आदमी पार्टी के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था.

इस साल मार्च में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि वाई-फाई प्रोजेक्ट लोक निर्माण विभाग को दे दी गई है ताकि इस पर शीघ्रता से काम हो सके. पहले इस परियोजना का जिम्मा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पास था.

लोक निर्माण विभाग ने कहा था कि प्रस्तावों के लिए आग्रह (आरपीएफ) जारी करने की संभावित तारीख 30 जून 2018 है. इसमें यह भी बताया गया कि प्रारंभिक चरण में प्रमुख जगहों पर शुरूआती तौर पर वाई-फाई 31 मार्च 2019 तक शुरू किया जा सकता है.

2018-19 के बजट में दिल्ली सरकार ने वाई-फाई के लिए 100 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की थी. हालांकि सरकार ने परियोजना पूरी होने की समय सीमा निर्धारित नहीं की थी.

इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आप सरकार परियोजना को लागू करने के लिए तीन से चार मॉडलों पर काम कर रही है.इस साल मार्च में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि वाई-फाई प्रोजेक्ट लोक निर्माण विभाग को दे दी गई है ताकि इस पर शीघ्रता से काम हो सके. पहले इस परियोजना का जिम्मा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पास था.

लोक निर्माण विभाग ने कहा था कि प्रस्तावों के लिए आग्रह (आरपीएफ) जारी करने की संभावित तारीख 30 जून 2018 है. इसमें यह भी बताया गया कि प्रारंभिक चरण में प्रमुख जगहों पर शुरूआती तौर पर वाई-फाई 31 मार्च 2019 तक शुरू किया जा सकता है.

2018-19 के बजट में दिल्ली सरकार ने वाई-फाई के लिए 100 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की थी. हालांकि सरकार ने परियोजना पूरी होने की समय सीमा निर्धारित नहीं की थी. इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आप सरकार परियोजना को लागू करने के लिए तीन से चार मॉडलों पर काम कर रही है.

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