Thursday, November 21, 2024
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फर्जी तरीके से दिए तीन कंपनियों को 2322 करोड़ के टेंडर,आप ने दस्तावेजों से बताया कि कैसे हुआ घोटाला

सरकार बचा रही है घोटालेबाजों को – आलोक अग्रवाल

आम आदमी पार्टी को प्राप्त दस्तावेजों से साफ़ पता चलता है कि मध्य प्रदेश में हुए हजारों करोड़ का ई टेंडर घोटाले कैसे हुआ. इन दस्तावेजों से साफ है कि तीन कंपनियों को 2322 करोड़ के टेंडर फर्जी तरीके से दिये गये. आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब शासन के एक प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव ने घोटाले की जाँच का आदेश 3 महीने पहले कर दिया तो क्या कारण है कि आज तक किसी पर कोई करवाई नहीं हुई और साफ़ है कि प्रदेश सरकार इन घोटाला कर रही कंपनियों को बचा रही है.

कैसे हुआ यह घोटाला?

मध्य प्रदेश में इ टेंडरिंग के लिए अन्तारेस सिस्टम लिमिटेड (Antares Systems लिमिटेड) ने सॉफ्टवेर दिया था. इसमें यह सुरक्षा रखी गयी थी की टेंडर भरने के बाद और उसके खुलने के पहले कोई छेड़ छाड़ होती है तो एरर (error) का सन्देश आ जायेगा कि इस टेंडर को बदल दिया गया है. प्राप्त दस्तावेज अन्तारेस की जाँच रिपोर्ट 11 अप्रैल, 17 अप्रैल और 5 मई मे साफ कहा गया है कि मध्य प्रदेश जल निगम के तीन टेंडर में टेंडर भरने के बाद तीन कंपनियों ने अधिकारीयों की मिलीभगत से अपनी राशि बदलकर सबसे कम करवा दी. इनमे श्री प्रवीण कुमार गुरु, महाप्रबंधक, म प्र जल निगम और श्री केशव राव उइके, जिला व्यवसाय व् उद्योग केंद्र सोनी की आई डी का इस्तेमाल कर टेंडर राशि में बदलाव कर यह घोटाला किया गया.
चौकाने वाली बात यह है कि इस बदलाव के बाद टेंडर खुलने पर एरर सन्देश आया भी परन्तु उसपर जानबूझकर ध्यान नहीं दिया गया.

घोटाले के बाद किन कंपनियों को मिला टेंडर :

इन तीन टेंडर में घोटाला हुआ:
1. MPJNM/Tender no. 91: राशि 1383.64 करोड़
2. MPJNM/Tender no. 93: राशि 656.48 करोड़
3. MPJNM/Tender no. 94: राशि 282.33 करोड़
कुल राशि : 2322.45 करोड़
इस घोटाले से तीन कंपनियों GVPR Engineers Limited, Indian Hume Pipe Company Limited और JMC Projects को फायदा पहुँचाया गया.

मुख्य सचिव व् प्रमुख सचिव के आदेश के बावजूद बचाया जा रहा है घोटालेबाजों :

अन्तारेस कंपनी की रिपोर्ट पर गंभीर करवाई करते हुए 8 मई 2018 को प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने मुख्य सचिव को रिपोर्ट प्रस्तुत कर तत्काल जाँच करने का आग्रह किया. इसके बाद 11 मई 2018 को मुख्य सचिव ने ई ओ डब्लू (EOW) को अपराध की जाँच और केस दर्ज करने का आदेश दिया. परन्तु आश्चर्य है कि न तो आज तक कोई जाँच प्रारम्भ हुई है, न कोई केस दर्ज हुआ है परन्तु श्री मनीष रस्तोगी जिन्होंने घोटाला खोला था उन्हें उनके विभाग से जून में हटा दिया गया है.

घोटाले बाजों को बचा रही है सरकार:

आप के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि साफ़ कि ईमानदार अधिकारी को हटाया जाना और ई ओ डब्लू द्वारा कोई करवाई न करना सिद्ध करता है कि सरकार इस हजारों करोड़ के घोटाले के अपराधियों को बचा रही है. आप मांग करती है कि हाई कोर्ट की निगरानी में विशेष जाँच सामिति बनाकर कर जाँच की जाय और इस हजारों करोड़ के घोटाले के पीछे के दोषियों को बेनकाब किया जाये.

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