नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तानाशाही के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी

देश में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। कार्यकारणी में सर्वसम्मति से तय हुआ की देश को नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तानाशाही से बचाने के लिए आम आदमी पार्टी हरसंभव कार्य करेगी। जिन राज्यों में आम आदमी पार्टी का आधार मजबूत है उन राज्यों में आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। किसानों की भलाई के नाम पर भाजपा द्वारा लागू की गई फसल बीमा योजना असल में किसान डाका योजना है।

नई दिल्ली 28 दिसंबर : शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने बताया कि आज मुख्यमंत्री आवास पर हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कुछ अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई जो निम्न प्रकार से हैं…..

1- एक लंबे समय तक अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ने और लाखों कुर्बानी के बाद हमें संविधान हासिल हुआ, लेकिन आज देश में एक तानाशाही की सरकार चल रही है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने तय किया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा देश में चलाई जा रही तानाशाही की सरकार से संविधान को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

2- जहां कहीं पर भी आम आदमी पार्टी का आधार मजबूत है आम आदमी पार्टी उस राज्य में पूरे दमखम और पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। और तानाशाह की सरकार से देश के लोगों को निजात दिलाने का हर संभव प्रयास करेगी।

3- भाजपा ने फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के माल पर डाका मारने का काम किया। कांग्रेस ने भी किसानों के साथ धोखा किया। जहां तीन राज्यों में अभी कांग्रेस की सरकार बनी है, वहां कांग्रेस ने 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही थी। परंतु अब कांग्रेस भी अपने वादे से पीछे हटती नजर आ रही है। किसानों का कर्ज माफ करने की पॉलिसी में कांग्रेस ने बहुत सारे इफ़-बट लगा दिए हैं, जिसकी वजह से केवल कुछ ही किसानों को इसका लाभ मिल पा रहा है। आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों से किसानों का कर्ज माफ करने की और उनकी फसलों का जो न्यूनतम मूल्य सरकार ने तय किया था वह उन्हें देने की मांग करेगी।

प्रेस वार्ता में मौजूद आप किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही किसानों के साथ धोखा किया है। भाजपा ने फसल बीमा योजना के नाम पर जबरदस्ती किसानों के खातों से प्रीमियम के पैसे तो काट लिए, लेकिन आज कई राज्यों में दाल किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, परंतु फसल के नुकसान पर जो मुआवजा उन्हें मिलना चाहिए था वह नहीं दिया गया है। फसल बीमा योजना के नाम पर जितना पैसा किसानों से प्रीमियम के रूप में लिया गया था उसका 83% बीमा कंपनियों की जेब में चला गया। किसानों को केवल 17% पैसा ही मिला। उसी प्रकार अभी 3 राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी है और कांग्रेस ने ऐलान किया था कि 10 दिन के अंदर सभी किसानों का ऋण माफ किया जाएगा। परंतु अब कांग्रेस ने अपने पॉलिसी में कई सारी शर्तें लगा दी हैं जिसकी वजह से किसानों को उसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि किसानों को उनकी लागत का 50% लाभ दिया जाएगा परंतु वह केवल एक झूठ था। आज किसानों को अधिकतम 20% ही लाभ मिल पा रहा है। भाजपा सरकार ने जो दालों की एमएसपी 6975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की थी वो किसानों को नहीं मिल रही, बल्कि ₹3000 प्रति क्विंटल के हिसाब से उनको अपनी दालें बेचनी पड़ रही है, अर्थात प्रति क्विंटल लगभग 4 हज़ार रुपये का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। आज राजस्थान में हजारों किसान ट्रैक्टर में दालें भरकर पिछले 1 हफ्ते से खड़े हुए हैं। और उसमें भी उनकी दालों का तौल नहीं किया जा रहा। पिछले 1 हफ्ते से किसान दिन रात सड़क पर ठंड में ठिठुर रहे हैं।

रामपाल जाट ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने वादे से पलट कर केवल अल्पकालीन ऋण माफ करने की शर्त रख दी है। कांग्रेस सरकार ने कहा है कि जो नियमित लोन की किस्ते जमा कराने वाला किसान है उसका ऋण माफ नहीं किया जाएगा। जबकि चुनाव से पहले सभी का ऋण माफ करने की बात कही गई थी। यह कांग्रेस ने किसानों के साथ सरासर धोखा किया है।

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