इस वर्ष भी दिल्ली के सरकारी स्कूल 90.64% रिजल्ट्स के साथ प्राइवेट स्कूलों से आगे
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के लिए खुशी की खबर है। ऐसा पहली बार हुआ जब सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड के सबसे ज्यादा छात्र पास हुए हैं। परिणाम आने के बाद शनिवार को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर स्कूलों को बधाई दी है।
Congratulations to all Students, Teachers & Parents for making us pride in CBSE class XII results.
Delhi govt School's result is 90.64% which is 2.37% higher than last year which was 88.27%
Congratulations #TeamEducationDelhi You have done it again.#DelhiEducationRevolution
— Manish Sisodia (@msisodia) May 26, 2018
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में 12वीं का परिणाम पिछले साल से 2.37 प्रतिशत ज्यादा रहा है। पिछले वर्ष परिणाम 88.27 फीसदी था। इस बार 90.64 पर पहुंच गया। हालांकि सीबीएसई के आंकड़ों में 2017 में यह प्रतिशत 88.36 था। यह भी बीते कई सालों की तुलना में काफी ज्यादा है।
2006 तक 80 फीसदी से कम
बीस सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1997 से 2006 तक पास प्रतिशत कभी 80 फीसदी तक नहीं पहुंचा था। वर्ष 2007 से इसमें वृद्धि शुरू हुई। शिक्षा विशेषज्ञ शिक्षा स्तर में सुधार को इसकी वजह मानते हैं। बीते एक दशक से लगातार यह आंकड़ा बढ़ रहा है। एक दशक बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब आंकड़ा 90 फीसदी से आगे पहुंचा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल और भाजपा की ओर से कई बाधाएं खड़ी किए जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने अच्छा काम किया। छात्रों को बेहतर परिणामों के लिए बधाई।
This is despite all obstacles created by LG, BJP ad PM. Congratulations to all students, teachers and principals. https://t.co/oqUfvS26OK
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2018
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों का परिणाम 90.64 फीसदी रहा। यह पिछले वर्ष की तुलना में 2.37 फीसदी अधिक है। बच्चों और उनके शिक्षकों को बेहतर परिणामों के लिए बधाई ।
सीबीएसई की तरफ से शनिवार को जारी 12वीं के परीक्षा परिणामों में दिल्ली का कोई भी छात्र शीर्ष दस में जगह नहीं बना पाया है। हालांकि, लावण्या झा ने दिव्यांग श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त कर दिल्ली की लाज बचाई है। लावण्या मूल रूप से बिहार की निवासी हैं।
डीपीएस आरकेपुरम की छात्रा लावण्या ने 487 अंक अर्जित किया है। वहीं, इस श्रेणी में केरल के ए विजय गणेश 492 अंक अर्जित कर पहले और देहरादून की पूजा कुमारी 489 अंक हासिल कर दूसरे स्थान पर रहीं हैं। सीबीएसई के अनुसार, दिव्यांग श्रेणी में इस वर्ष कुल 2914 छात्र पंजीकृत थे। इसमें से 2836 छात्रों ने परीक्षा दी और 2482 छात्र उत्तीर्ण हुए। इन छात्रों का पास प्रतिशत 87.52 रहा है। इसमें 141 छात्र 90 फीसदी से अधिक और 25 छात्रों ने 95 फीसदी से अधिक अंक हासिल किया है।
वार्षिक पास प्रतिशत
वर्ष पास प्रतिशत
1997- 98 63.45.
1998- 99 68.11
1999- 00 72. 54
2000-01 70.02.
2001-02 71.23.
2002-03 76.96.
2003-04 77.8.
2004-05 76.44.
2005-06 78.07.
2007 से 80 फीसदी के पार हुआ उत्तीर्ण प्रतिशत
वर्ष पास प्रतिशत.
2007 82.73.
2008 85.70.
2009 87.15.
2010 88.87.
2011 87.54.
2012 87.72.
2013 88.65.
2014 88.11.
2016 88.91.
2017 88.36.
2018 90.68.